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- राज्यसभा के चेयरमैन ओम बिरला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 8 दिनों से एक ही मुद्दे पर सदन में हंगामा हो रहा है और कार्यवाही नहीं चल पा रही है.मैंने कल फ्लोर लीडर्स के साथ एक बैठक की थी, जिसमें कहा था कि मणिपुर की घटना पर एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए ढाई घंटे का समय तय किया गया है .लेकिन सदन में हंगामे की वजह से यह चर्चा भी अधूरी रही है. 2014 में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी एक मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की थी. उस समय चेयरमैन ने रूलिंग दी थी यह मांग नियमों के तहत सही नहीं है

- संसद में मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है.

कल संसद में विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया. मणिपुर मुद्दे को लेकर दोनो सदनों में लगातार हो रहे हंगामे के चलते राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई. इसलिए कल दिल्ली सर्विस बिल  (Delhi Services Bill) पेश नहीं हो सका. संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ. लेकिन पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा को लेकर लगातार हो रहे हंगामें की वजह से संसद की कार्यवाही प्रभावित हुई. पिछले 8 दिनों से दोनो सदनों की कार्यवाही ठप है.

गृह मंत्री अमित शाह पेश करेंगे दिल्ली सर्विस बिल
आज यानी मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान गृह मंत्री अमित शाह  (Amit Shah)  सदन में 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक' पेश करेंगे. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते  मंगलवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक' को मंजूरी दी थी. यह 19 मई को केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा.

राघव चड्ढा ने बिल को लोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया
आप सांसद राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा बिल को लोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली का जो अध्यादेश लाया जा रहा है इससे ज्यादा गैर लोकतांत्रिक और असंवैधानिक कोई बिल लाया गया है. कभी भी भारत के संविधान के अंदर ऐसा बिल नही लाया गया है. यह दिल्ली के डेमोक्रेसी को बाबूक्रेसी में तब्दील कर देगा.अब अफसरशाही बचेगी. दिल्ली में दिल्ली की चुनी हुई सरकार से  सारी शक्तियां छीनकर उपराज्यपाल को सौंप देगी जिसे दिल्ली के लोगों ने चुना है.

वहीं, राघव चड्ढा  के इस बयान पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहगा कि आम आदमी पार्टी ऐसे स्टेटमेंट देती रहती है. जो संविधान का फ्रेमवर्क है, हम उसी के तहत काम करते हैं. जहां फेडरल स्ट्रक्चर है, उन सभी देशों में नेशनल कैपिटल की अलग स्थिति होती है. भारत सरकार भी चुनी हुई सरकार है, ये उन्हें समझना चाहिए.

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कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल  केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के खिलाफ हैं.

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